![]() |
UP Primary Teacher News: बेसिक शिक्षा स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात ठीक करने हेतु स्कूलों का विलय किया जा रहा है और विलय हेतु अभी तक कोई भी इस पर दिशा निर्देश घोषित न होने की वजह से शिक्षकों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। शिक्षकों का यह कहना है कि जिन विद्यालयों का विलय होना है वहां के शिक्षक स्कूलों के छात्रों के पास अब दूसरी स्कूलों में नियुक्त कर दिए जाएंगे और उनकी नियुक्ति कहीं और होगी अभी तक विभाग के माध्यम से स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के जो प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार के माध्यम से यह कहा गया कि आदेश जारी करते हुए लखनऊ के कुल 545 स्कूलों को मर्ज किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है लेकिन शिक्षकों से जुड़े कई प्रकार के सवाल है जिसको लेकर नियम अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।
स्कूलों के विलय के बाद कहां जाएंगे शिक्षक
स्कूलों के विलय के बाद शिक्षक कहां जाएंगे यह सबसे बड़ा सवाल है। वहीं पर कुछ शिक्षकों का यह कहना है की मार्च 2025 के आंकड़ों के आधार पर स्कूलों को मर्ज किए जाने की सूची में डाल दिया गया है और विद्यालयों में दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र वर्तमान में है ऐसे में यह कहां शिफ्ट होंगे। कुछ अभी स्पष्ट नहीं है विलय किए जाने के बाद विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद है तो ऐसे में अगर दूसरे विद्यालय में इन्हें सम्मिलित किया जाता है तो इन पदों का क्या आखिर होगा यह सवाल बना हुआ है। वहीं पर शिक्षकों में यह भी सवाल बना हुआ है जिन स्कूलों में छात्र संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षक मौजूद है वहां दूसरों स्कूलों के शिक्षकों को भेजा जाने वाला है या नहीं भेजा जाएगा? इसके अलावा काम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को मर्जर के बाद अगर शिक्षक संख्या सरप्लस में चला जाता है तो विभाग क्या करेगा यह सवाल बना हुआ है।
शिक्षकों का कहना सरकारी स्कूल नहीं बंद होने देंगे
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा 21 जून से लेकर 30 जून तक के बीच स्कूल विलय का विरोध में प्रश्न शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे ने यह कहा है कि स्कूल विलय योजना प्रदेश व देश के हित में बिल्कुल भी नहीं है। स्कूल मर्ज किए जाने के बाद जो डीएलएड प्रशिक्षित है वह बेरोजगार रह पाएंगे। बेरोजगारी दर बढ़ जाएगी। प्रदेश में लाखों पद खत्म भी हो जाएंगे। योग दिवस के अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल ने भी स्कूलों की संख्या बढ़ाए जाने पर जोर दिया है। वहीं दूसरी तरफ जो बेसिक शिक्षा विभाग की स्कूलों को बंद किए जाने पर तुला है उन्हें परिषदीय स्कूलों के किलोमीटर के दायरे में जितने भी प्राइवेट विद्यालय संचालित है उनकी मान्यता रद्द किए जाने की मांग किया ताकि प्राइवेट स्कूलों में जो बच्चे पढ़ने जाते हैं वह सीधे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने जाये।
स्कूलों के विलय में शिक्षकों का बढ़ गया कन्फ्यूजन
स्कूलों के विलय के बाद कनफ्यूजन बढ़ चुका है शिक्षकों में बहुत सारे सवाल पैदा हो रहे हैं। जैसे कि बच्चे कहां जाएंगे शिक्षक कहां जाएंगे और जो पद स्थापित थे उन पदों का क्या होगा? ऐसे ढेर सारे सवाल शिक्षकों में बना हुआ है। शिक्षकों का यह कहना है कि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों का विलय किया जाना सही नहीं है। सरकार को इस न्यायालय को तुरंत वापस लेना चाहिए। इसके अलावा स्कूल विलय किए जाने का विरोध प्रदेश भर में बहुत तेजी से शुरू है स्कूल विलय किए जाने को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है और इसकी प्रक्रिया भी बहुत तेजी से शुरू कर दी गई है कुछ जिलों में तो स्कूल विलय का आदेश भी जारी कर दिया गया है।