Contract Employees Good News: उत्तर प्रदेश में कुल 8 लाख से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं जो कि सबसे अधिक विभागों में कार्य कर रहे हैं यह कर्मचारी लगातार अपने मानदेय बढोत्तरी के साथ ही विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपनी मांग लगातार रखते चले आ रहे हैं। सरकार के माध्यम से संविदा कर्मचारियों के भविष्य को यहां पर सुरक्षित करने के उद्देश्य आउटसोर्सिंग सेवा निगम के यहां पर फिर से गठन किया गया है जो कि अंतिम चरणों में पूरी तरह से पहुंच चुका है। अब जल्द ही उत्तर प्रदेश आउटसोर्स निगम को मंजूरी भी मिलने जा रही है। जिसके बाद निगम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारी को विभिन्न प्रकार के लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं दूसरी और आउटसोर्सिंग कर्मचारी हेतु हाईकोर्ट के माध्यम से बड़ा फैसला भी सुना दिया गया है। जिसमें 4 महीने के अंदर ही इन्हें रेगुलर किए जाने का आदेश भी पारित कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के माध्यम से आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों हेतु काफी महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया गया है और यह जो मामला है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आज जलकल विभाग के जितने भी संविदा कर्मचारी हैं उनके लिए यह फैसला सुनाया गया है। हाई कोर्ट ने बड़ी राहत भी दिया है और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 4 महीने के अंदर रेगुलर भी करने को यहां पर कहा है।
आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियमित किए जाने का आदेश जारी
उत्तर प्रदेश के जलकल विभाग के अंतर्गत कुल 98 ऐसे आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं जिनको नियमित करने का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट के माध्यम से दिया गया है। साथ ही 4 महीने के अंदर उन्हें रेगुलर करने का समय भी निर्धारित कर दिया गया है। जिसके साथ-साथ कुछ ऐसे आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी यहां पर सम्मिलित है जिनकी सेवाएं यहां पर समाप्त कर दिया गया था अब उन सभी को 3 महीने के अंदर ही बहाल किए जाने को कह दिया गया है।
हाई कोर्ट के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर्मचारी हेतु 4 महीने के अंदर ही नियमित किए जाने की प्रक्रिया पूरी किए जाने का आदेश पारित कर दिया है और आप सभी की जानकारी के लिए बता देते हैं कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जो आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं जो कि संविदा पंप संचालक के पद पर अपनी तरह से तैनात है समान वेतन की मांग भी कर रहे थे और इसी की सुनाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आउटसोर्सिंग सुविधा पंप संचालक के यहां पर काफी बड़ा राहत प्रदान किया है और 3 महीने के अंदर ही सेवा बहाल किए जाने का भी निर्देश दे दिया है। बता दे 2010 में जलकल विभाग और अधिकारी यहां पर मिलकर कर्मचारियों को जो वेतन सहित कई फंड में यहां पर धंधा भी कर रहे थे जिसको लेकर जलकल विभाग के 98 पदों पर संविदा पर संचालकों के माध्यम से हाई कोर्ट इलाहाबाद में अपना पद भी यहां पर रखा गया था।
भारत सरकार के माध्यम से बताया गया जैम पोर्टल के द्वारा नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी द्वारा समान वेतन के यहां पर मांग किया गया था। आपको बता देते हैं कि प्रमुख सचिव के संबंध में आदेश भी जारी हो चुका है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनाई करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की औद्योगिक विकास की जो प्रमुख सचिव इनको पत्र भी जारी कर दिया और उसमें यह भी कहा गया है कि कोर्ट के प्रमाणित प्रति प्राप्त किए जाने के बाद 4 महीने के अंदर ही सभी को नियमित करने की जो प्रक्रिया हो पूरी कर लिया गया है बता दे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दिया गया था अपने फिर से रेगुलर कर दिया जाएगा।