UP Primary Teacher Latest News: उत्तर प्रदेश में हजारों विद्यालयों का विलय बहुत तेजी से प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और शिक्षकों बच्चों व ग्रामीणों के लिए एक आफत भी बन चुका है। प्रदेश भर में शिक्षक संगठनों व प्रतियोगी छात्रों ने स्कूलों के विलय का काफी विरोध भी किया जा रहा है और परिषदीय विद्यालयों के विलय की कवायद भी काफी गति पकड़ रहा है। इसके तहत बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से अब स्कूलों में अभिभावक शिक्षक बैठक यानी कि पीटीएम में इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी देगा और इसके तहत अभिभावकों को स्कूल के विलय के बारे में जानकारी भी प्रदान किया जाएगा और नियमित कक्षाओं के संचालन की जानकारी भी प्रदान किया जाएगा साथ ही अभिभावकों के सुझाव भी लिए जाएंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी किया दिशा निर्देश
महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा के माध्यम से सभी डायट प्राचार्य व बीएसए यानी कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नए सदस्य तैयारी हेतु निर्देश भी भेजा गया है। जिसमें पेटीएम आयोजित किए जाने को कहा गया है। उनके माध्यम से यह कहा गया है कि कब नामांकन वाले जितने भी विद्यालय हैं उनका स्थानीय परिस्थितियों व आवश्यकता के आधार पर देखते हुए विद्यालयों के विलय का निर्देश दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी जुलाई से होने वाली है। यानी कि 18381 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत जुलाई महीने से हो जाएगी।
18381 विद्यालयों में चलेगी स्मार्ट कक्षाएं
पीटीएम को करते हुए विद्यालय में जितने भी उपलब्ध कराई गई शैक्षिक सामग्री हैं जैसे कि डिजिटल संसाधन, खेलकूद सामग्री, लाइब्रेरी की किताबें आदि से विभागों को अवगत कराया जाएगा और विभागों से सुझाव भी इस संबंध में लिया जाएगा। सभी के सुझाव के बाद इसका समाधान भी किया जाएगा और यह बताया गया है कि 18381 विद्यालय हैं जहां पर स्मार्ट क्लास की स्थापना हुआ है और इनके संचालन के बारे में सभी प्रधानाध्यापकों से गाइड जरूर ले लिया जाए ताकि जुलाई से जो इनका बेहतर प्रयोग है वह आसानी से शुरू किया जा सके।
स्कूलों के विलय के विरोध में प्रधानों ने सीएम को लिखा पत्र
परिषदीय विद्यालयों के विलय के विरोध में कई जिलों के जो ग्राम प्रधान हैं वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस निर्णय पर अपना विचार किए जाने की मांग किया गया है। जिसमें गोरखपुर, चित्रकूट, गाजियाबाद, रायबरेली के जो ग्राम प्रधान है इनके द्वारा कहा गया है कि स्कूलों की विलय होने की वजह से बच्चों को एक-दो किलोमीटर अब दूर जाना पड़ेगा। जो इसका असर क्योंकि पढ़ाई पर भी पढ़ने वाला है क्योंकि अभिभावकों बच्चन को इतना अभिभावक दूर इसको नहीं भेजेंगे। वहीं ज्यादा दूर यात्रा करने से बच्चों के जो दुर्घटना की संभावना है वह भी आशंका बनी रहेगी। पूरे प्रदेश में विद्यालयों के विलय का विरोध चल रहा है।
स्कूलों के विलय के विरोध में गांव-गांव चलाया गया अभियान
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा प्रति विद्यालयों के के नाम पर विलय के विरोध में जन आंदोलन चलाने की घोषणा भी किया गया है और इस दौरान शिक्षक ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को विद्यालय मर्ज किए जाने से बच्चों की शिक्षा पर पड़ने वाले दुष्परिणामों से अवगत भी कराया जाएगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे के माध्यम से बताया गया कि विद्यालय विलय से काफी संख्या में बच्चों का जो हित है वह प्रभावित होगा और बच्चों के साथ शिक्षकों के लिए भी काफी बड़ी आफत है क्योंकि एक विद्यालय से उन्हें दूसरे विद्यालय में संबोधित किया जाएगा सबसे बड़ा असर तो बच्चों पर है अगर दूसरे विद्यालय में विलय होता है तो बच्चों को ज्यादा दूर विद्यालय जाना पड़ेगा जो कि बच्चों के लिए सही नहीं है।