UP Shikshamitra News: प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की बात कर ले जाए तो 1.43 लाख शिक्षा मित्रों को काफी अच्छी खबर आ चुकी है। प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्र के समायोजन का रास्ता साफ हो चुका है और सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र के लिए मूल विद्यालय वापसी जैसे कि जहां पहले तैनाती हुई थी। शासन स्तर के माध्यम से हरी झंडी प्रदान कर दिया गया है और इसके बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग इसे जो जुड़ी प्रक्रिया वह शुरू करने जा रहा है। शिक्षामित्र को यह उम्मीद है कि शिक्षकों की भांति उन्हें भी गर्मी की जो छुट्टियां इसमें इसका लाभ मिलने वाला है।
शिक्षामित्र का मूल विद्यालय में होगा समायोजन ( UP Shikshamitra Latest News )
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह के माध्यम से यह निर्देश जारी कर दिया गया है और महानिदेशक स्कूली शिक्षा के माध्यम से शिक्षामित्र को मूल विद्यालय में तबले संयोजन की जो अनुमति है वह मांगा गया है और इस चरण में शिक्षामित्र को उनके मूल विद्यालय में तबले समर्थन की जो अनुमति को दिया जाता है। इससे जुड़ी जो आवश्यक कार्रवाई हो तत्काल सुनिश्चित किया जाए। शासन की इस निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही इसकी जो प्रक्रिया है वह भी शुरू करने जा रहा है।
शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी का तोहफा
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जो प्रदेश महामंत्री सुशील यादव के माध्यम से कहा गया है कि सरकार ने शिक्षा मित्र को मूल विद्यालय वापसी संबंधी शासनादेश 3 जनवरी 2025 को ही जारी हुआ था। इसका जो विस्तृत कार्यक्रम है वह जारी करने हेतु महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने शासन से अनुमति भी मांगा था अब जल्द इसकी जो प्रक्रिया को शुरू करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बाद शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी यानी कि अपनी ग्रामसभा में जाने का अवसर मिलेगा। पिछले दिनों समायोजन के बाद उनको जिलों में दूसरे ब्लॉक में 80 से 100 किलोमीटर दूर यहां पर भेज दिया गया था।
17000 शिक्षामित्र को मिला था अवसर 2018 में
प्रदेश के जितने भी परिषदीय विद्यालय यहां पर तैनात 143000 शिक्षामित्र वर्तमान में तैनात है और इस आदेश से लगभग 20 से 25000 शिक्षकों वर्तमान में प्रभावित होंगे। उन्हें मूल विद्यालय वापसी का अवसर भी मिलेगा। इसके बाद शादीशुदा महिला शिक्षामित्र को उनके ससुराल के पास के जो विद्यालय वहां पर जाने का अवसर भी मिलेगा। इससे पहले 2018 में शिक्षामित्र की मूल विद्यालय वापसी की जो प्रक्रिया है वह भी शुरू किया गया था उस समय लगभग 70000 शिक्षामित्र को इसका लाभ भी यहां पर मिला था।
जनवरी में आया था आदेश नहीं शुरू हुई प्रक्रिया
3 जनवरी 2025 को ही तत्कालीन प्रमुख सचिव के माध्यम से शिक्षामित्र के मूल विद्यालय वापसी का शासनादेश यहां पर घोषित कर दिया था। किंतु उनके तबादले के बाद यह ठंडा बस्ते में पूरी तरीके से चला गया था। यही वजह यहां पर रहा है कि दोबारा परीक्षा में संघ के माध्यम से लगातार उनकी मांग इसकी मांग किया गया तो महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इसके लिए शासन स्तर से यहां पर मांग किया। आपको बता देते हैं कि शिक्षामित्र के मूल विद्यालय वापसी और सम्मेलन की जो प्रक्रिया है इस पर जल्द ही प्रक्रिया शुरू होने वाली है।