UP Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से शिक्षामित्र को काफी बड़ा सौगात दे दिया गया है। जिससे जनपद के 300 शिक्षामित्र भी अब लाभान्वित होने जा रहे हैं। सरकार के माध्यम से शिक्षामित्र को उनके लिए मूल विद्यालय में वापसी का प्रस्ताव अब पूरी तरीके से साफ कर दिया है। सरकार के इस कथन से शिक्षामित्र अपनी ग्राम सभा में चयनित भी कर दिए गए थे। लेकिन समायोजन के बाद ही उनको जिले के दूसरे ब्लॉक में भी 80 से 100 किलोमीटर की दूरी पर भेजा गया था। वह अब अपनी ग्राम पंचायत के विद्यालय में पूरी तरह से लौट पाएंगे और घर के नजदीक रहकर शिक्षण कार्य कर पाएंगे।
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र की मांग हो गई पूरी
शिक्षामित्र के माध्यम से काफी लंबे समय से मांग किया जा रहा था सरकार से यह मांग की जा रही थी और अब उनकी यह मांगे पूरी होने से नशे से शिक्षा मित्र को काफी राहत मिला है। बल्कि उनका खर्च भी अब काफी बचने वाला है। अभी तक लंबी दूरी की वजह से उनकी जब थोड़ा ढीली होती थी और स्कूल के पास किराए का मकान लेकर उनको रहना पड़ता था। जिस वजह से मकान का किराया तो देना ही पड़ता था साथ ही आने-जाने का खर्च भी लगता था और ₹10000 के अल्प मंडे में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र के लिए काफी मुश्किल की घड़ी थी लेकिन सरकार ने जब यह सौगात दिया तो शिक्षामित्र काफी खुशी से उछल पड़े प्रदेश के सभी शिक्षामित्र को यह लाभ मिलेगा।
सरकार ने शिक्षामित्र को तीन चरणों में दिया सौगात
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन चरणों में शिक्षामित्र को सौगात दिया है। जिसमें दूसरे ब्लॉक से अपने ग्राम सभा व महिला शिक्षामित्र को अपने मायके अथवा ससुराल में पति के कार्यरत स्थान जो कि चाहे दूसरे जिले में भी होगा तो उनको भेज दिया जाएगा। राज्य सरकार के द्वारा शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी से संबंधित जो 3 जनवरी 2025 को शासनादेश पहले ही जारी कर दिया था। जनवरी में जो जारी शासनादेश है इसका विशेष कार्यक्रम जारी किए जाने हेतु स्कूली शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शासन से अनुमति भी मांगा था और इसके एवज में सरकार ने प्रथम चरण में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में जितने भी कार्य शिक्षामित्र हैं उनके मूल विद्यालय में स्थानांतरण संयोजन हेतु अनुमति भी प्रदान कर दिया गया है।
सरकार के अनुमति के बाद इन सभी शिक्षामित्र को मिलेगा लाभ
प्रदेश भर के ऐसे शिक्षा में जो कि दूसरे विद्यालय में समायोजित किए गए थे। लेकिन अब वह अपने मूल विद्यालय में वापस आना चाह रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षामित्र को यह लाभ मिलेगा और उत्तर प्रदेश के 1 लाख 43000 शिक्षामित्र के लिए काफी अच्छी खबर है। शिक्षामित्र काफी लंबे समय से इस की मांग कर रहे थे और बेसिक शिक्षा मंत्री सन्दीप सिंह को इसके लिए शिक्षामित्र ने धन्यवाद दिया है इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ को भी शिक्षामित्र ने धन्यवाद दिया है जल्द शिक्षामित्र के मूल विद्यालय वापसी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
शिक्षामित्र ने 62 वर्ष व मानदेय बढ़ोतरी की किया मांग
शिक्षामित्र ने सरकार से कहा है कि मूल विद्यालय वापसी का जिस तरह के से सरकार ने उनको सौगात दिया है ठीक उसी प्रकार उनको 62 वर्ष की सेवा प्रदान किया जाए। इसके अलावा शिक्षामित्र को मानदेय 12 महीने का दिया जाए और ₹10000 से बढाते हुए मानदेय ₹25000 किया जाए। शिक्षामित्र की इस मांग को लेकर सरकार अभी फिलहाल शांत है और सरकार के माध्यम से इस समय में कुछ भी नहीं कहा गया लेकिन जानकारी के आधार पर जल्द ही शिक्षामित्र को लेकर सरकार जल्द ही आदेश पारित कर सकता है और काफी बड़ी घोषणा भी की जा सकती है।