UP Shikshamitra News: शिक्षामित्र के मानदेय में होगी बड़ी बढ़ोतरी, यूपी सरकार ने लिया महत्वपूर्ण फैसला


UP Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र के मानदेय में बढ़ोतरी हेतु काफी महत्वपूर्ण खबर आ गई है। शिक्षामित्र के मानदेय में बढोत्तरी हेतु शिक्षामित्र काफी लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे थे कि उनके मानदेय में इतनी बढोत्तरी की जाए ताकि वह इस महंगाई के दौर में अपना जीवन यापन कर सकें। वर्तमान में शिक्षामित्र को ₹10000 प्रति महीने के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा है और शिक्षामित्र को सिर्फ 11 महीने का ही मानदेय दिया जाता है जून महीने का शिक्षामित्र को मानदेय नहीं दिया जाता।

शिक्षामित्र को ठंड में 15 दिन की छुट्टियां मिलती हैं तो उन 15 दिनों की छुट्टियों का मानदेय नहीं दिया जाता इसके अलावा जून की 15 दिन की छुट्टी का मानदेय नहीं दिया जाता ऐसे में एक महीना का शिक्षा मित्रों को पूरे 12 महीने में मानदेय नहीं दिया जाता सिर्फ 11 महीने का ही शिक्षामित्र को ₹10000 प्रति महीने के हिसाब से मानदेय मिलता है और शिक्षामित्र के माध्यम से कई बार सरकार को व सरकार के मंत्रियों को व बेसिक शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौपा गया कि उनके मानदेय में ठीक-ठाक बढ़ोतरी किया जाए ताकि इस महंगाई के समय में वह भी अपना जीवन यापन अच्छे तरीके से कर सकें।

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यूपी शिक्षामित्र मानदेय बढोत्तरी को लेकर लेटेस्ट अपडेट यहां है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह कहा है कि उत्तर प्रदेश के 8 लाख से अधिक संविदा कर्मियों के मानदेय में भर्ती किया जाएगा। शिक्षामित्र का जो मानदेय है वर्तमान में ₹10000 है जो कि यह बढ़ाते हुए ₹20000 से लेकर ₹25000 प्रति महीने के हिसाब से शिक्षामित्र का मानदेय किया जाने वाला है। वित्त विभाग के माध्यम से इस संबंध में प्रस्ताव को पास कर दिया है। और शासन स्तर में अभी यह प्रस्ताव लंबित है और शासन स्तर से जैसे ही प्रस्ताव पर मुहर लगता है शिक्षामित्र का मानदेय बढ़ जाएगा।

उत्तर प्रदेश में 172000 पहले शिक्षा मित्र थे लेकिन अब कुल संख्या 1 लाख 42000 के आसपास बची है। कारण यह है कि बहुत शिक्षामित्र का सहायक अध्यापक के पद पर चयन हो चुका है। आप सभी को बता दिया जाता है कि जो बचे शिक्षामित्र की संख्या है वह 1.42 है। अब यह अपने मानदेय में बढोत्तरी की मांग कर रहे हैं और सरकार ने भी अस्वासन किया है कि शिक्षामित्र के मानदेय में बढोत्तरी किया जाएगा इसके पहले शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पद पर भी कार्यरत थे लेकिन हाई कोर्ट ने पहले इनका समाधान रद्द किया इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद्द किया अब यह शिक्षामित्र पर शिक्षामित्र कार्य कर रहे हैं।

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शिक्षामित्र के मानदेय बढोत्तरी को लेकर फिर से एक बार शिक्षा में संगठन ने सरकार को ज्ञापन दिया है और सरकार से यह मांग किया है कि शिक्षामित्र के मानदेय में बढोत्तरी किया जाए ताकि इस महंगाई के समय में वह अपना खर्चा आसानी से चला पाए तो शिक्षामित्र को यही आश्वासन मिला है कि जल्द शिक्षा मित्र के मानदेय बढोत्तरी पर फैसला सरकार के माध्यम से फैसला लिया जाएगा यानी एक बात तो यहां पर स्पष्ट हो चुका है कि शिक्षामित्र के मानदेय बढोत्तरी होना तय है लेकिन कितना बढोत्तरी होगा यह पूरी तरीके से तय नहीं है।

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र को टीचर ट्रेनिंग का 2 वर्ष का दूरस्थ कोर्स कराया गया था। इसके बाद शिक्षामित्र को वर्ष 2014 में समायोजित कर दिया गया था तीन बैच में शिक्षामित्र थे पहले बैच में 18000 शिक्षामित्र को समायोजित किया दिया गया था इसके बाद बचे शिक्षामित्र को दूसरे बैच में समायोजित किया गया था लेकिन जब शिक्षामित्र का मामला कोर्ट गया तो 12 सितंबर 2015 को हाई कोर्ट के माध्यम से शिक्षामित्र के समायोजन को निरस्त कर दिया गया था इसके बाद शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट गए सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई किया और 25 जुलाई 2017 को आदेश आया के शिक्षामित्र का समायोजन रद्द हो गया है जिसके बाद शिक्षामित्र अपने शिक्षामित्र के पद पर कार्य कर रहे है और ₹10000 उन्हें मानदेय मिल रहा है।
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